Philosophical-Poem on Salvation in Hindi -

 

Philosophical-Poem on Salvation in Hindi -

मोक्ष सदियों से सर्वाधिक गूढ़ विषय रहा है और सदा ही ये कौतुहल का विषय बना रहेगा| इंसान चाहे कितना भी अमीर क्यों न हो जाए या शारीरिक, भौतिक संपन्न्ता कितना भी क्यों न प्राप्त कर ले, एक न एक दिन वो इस जीव-जगत से हटकर मोक्ष/निर्वाण/कैवल्य के बारे में अवश्य सोचता है|

इसमें कहीं न कहीं आत्मिक संतुष्टि निहित है| ये धार्मिक न होकर आध्यात्मिक व दार्शनिक मामला है| इस अत्यंत कठिन विषय पर मेरी एक छोटी सी कोशिश है ये कविता है – मोक्ष|


Image by Gerd Altmann from Pixabay

 मोक्ष

 मोक्ष है क्या जाना क्या तुमने?

 बहुत ही गूढ़ ये बात|

जीते जी ही इस धरती पर

ख़त्म हो जाता शह और मात|

 

मोक्ष को कैवल्य हैं कहते,

कहते इसको निर्वाण|

इस स्थिति को प्राप्त व्यक्ति को

हो जाता सर्वोच्च ज्ञान|

 

जीवन का होता अपना लय,

होती इसकी अपनी धुन|

अन्तः और वाह्य जगत की

ख़ामोशी लेता जो सुन|

 

दूजे में देखोगो खुद को,

सम- दृष्टि हो जाएगी जब|

जीने की होगी लालसा,

मरने का डर होगा तब|


Image by 4144132 from Pixabay


 

स्वयं को ढूंढना पहली सीढ़ी,

छोड़ देता है बाहरी नाद|

स्थितप्रज्ञ हो जाता है वो,

सुनता जो अन्दर की आवाज़|

 

“मैं” नहीं रह जाता है,

“हम” केवल हो जाता है|

होता नहीं अंतर थोड़ा भी,

इंसान देवल हो जाता है|

 

अपनी धुरी में भी रहकर,

मानव व्यापक हो जाता है|

मर कर भी वो इस दुनिया में

ज्ञानबीज बो जाता है|


Read Motivational-Inspirational Poem in Hindi  - कर्ण - इंद्र प्रसंग|


शब्दों से मोक्ष है बहुत परे,

अति दुर्लभ होता है ये|

परम आनंद की प्राप्ति होती,

इंसान सुलभ होता है ये|

इंसान सुलभ होता है ये|

===कृष्ण कुमार कैवल्य===|

 


Philosophical-Poem on Salvation in Hindi से संबंधित शब्दार्थ /भावार्थ –

मोक्ष – निर्वाण, कैवल्य, सर्वोच्च ज्ञान, जीव-जगत से मुक्ति|

गूढ़ – विशेष, गहरा, रहस्यमयी, छुपी हुई, अंतःकरण से संबंधित|

शह और मात छल-कपट करना, दूसरे को बर्बाद करना, धोखा देना, षड्यंत्र करके दुश्मन को ख़त्म करने के अर्थ में ये शब्द प्रयुक्त|

सम दृष्टि – एक समान दृष्टि|

पहली सीढ़ी – पहला प्रयास|

नाद – आवाज़, ध्वनि|

स्थितप्रज्ञ – शांतचित्त, सर्वोच्च ज्ञान की स्थिति को प्राप्त, सुख-दुःख में समान रहने वाला|

परे – दूर|

परम आनंद – सर्वोच्च आनंद, ईश्वर के लिए प्रयुक्त शब्द|

सुलभ – प्राप्त होने योग्य|

देवल – पवित्र, धार्मिक व्यक्ति, मंदिर|

ज्ञानबीज बोना – ज्ञान का भण्डार दे जाना|

अपनी धुरी – 1. अपने अंतःकरण में रहना, 2. आवास क्षेत्र|


Read another Inspirational-Motivational Poem - कर्मवीर बनो|


Philosophical-Poem on Salvation in Hindi - इस कविता में मोक्ष से संबंधित बातें लिखी गयी हैं | परन्तु मोक्ष से संबंधित विस्तृत ज्ञान हेतु दार्शनिक पुस्तक श्रीमद्भागवद्गीता का गहन अध्ययन अपेक्षित है| इसके अलावा विभिन्न पुस्तकों में भी दार्शनिक विवेचन आपको मिलेंगे| आप उसे भी पढ़ सकते हैं | 

 

 

 

 


टिप्पणियाँ