Interesting Poem on “Social-Media” in Hindi

 Interesting Poem on “Social-Media” in Hindi - सोशल मीडिया आज हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है| सोशल मीडिया ऐसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम को कहते हैं जिसकी मदद से हम दोस्तों, रिश्तेदारों या किसी भी वांच्छित व्यक्ति के साथ शिक्षा, दोस्ती, अभिरुचि की चीजों (Interests) या संबंधों(Relationship) का आदान-प्रदान करते हैं|

 

इंटरनेट के माध्यम से संचालित ये गतिविधियाँ अपनी चरम सीमा की ओर बढ़ती जा रही हैं| सोशल मीडिया के  अनेकानेक लाभ हैं| पर इसके अनुचित उपयोग से काफ़ी दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं|

 

यदि हम इनका संतुलित व सजग होकर उपयोग करते हैं तो ये वरदान साबित होते हैं| अन्यथा अभिशाप बनकर उभर आते हैं| अतः वरदान एवं अभिशाप के बीच की लकीर को अवश्य पहचानें|

 

सोशल मीडिया


बहुत तेजी से बढ़ता क्षेत्र है

सोशल मीडिया उद्योग|

ज्ञान-ख़ुशी सब मिलता इनसे,

करते पसंद बहुत लोग|

 

अनेकानेक ये साईट हैं,

खूब हैं इनके नाम|

फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम,

व्हाट्सऐप, टेलीग्राम......|



लोग अधिक समय दे रहे इनमें,

रेडियो, थियेटर, टी.वी. कम|

गम भी इनसे कम हो रहा,

सच में इनमें है दम|


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पहले आम लोगों को नहीं

मिलता था प्लेटफ़ॉर्म|

आसानी से सर्वसुलभ ये,

बन चुका सार्वभौम|

 

इनकी मदद सब हैं ले रहे,

सर्वसाधारण या गरीब|

प्रतिभा साबित करके सभी

चमका रहे हैं नसीब|

 

बर्बाद हो रहा समय और समाज,

आरोप बड़े ये लगते हैं|

कई भ्रष्ट सक्रिय हैं इन पर

जन-सामान्य को ठगते हैं|


 

Image by Gerd Altmann from Pixabay


खराब गुणवत्ता के दोष हैं इन पर,

बहुतेरे को है ये गम|

चुन सकते पर अंतर्वस्तु,

अपने विवेक से हम|

 

सिक्के के दो पहलू हैं होते,

इस बात को समझो ज़रूर|

अच्छे-बुरे के बनो पारखी,

होगे दुःख से तुम दूर|

 

नहीं चले संतुलन बनाकर,

होंगी आँखें तब नम|

मध्य मार्ग है सबसे अच्छा,

आफ़त जाएगी थम|

 

कतई मुसीबत तकनीक ये नहीं,

नहीं ऐसे आविष्कार|

रहकर सजग हम दे सकते हैं

जीवन को नयी धार|

जीवन को नयी धार|

                     ===कृष्ण कुमार कैवल्य===

 

Interesting Poem on Social Media in Hindi  से जुड़े शब्दार्थ/भावार्थ

वांछित – इच्छित, चाही गई (चीज/व्यक्ति)|

चरम – सर्वोच्च स्तर|

दुष्परिणाम – खराब परिणाम|

सर्वसाधारण – आम जनता|

प्लेटफ़ॉर्म – मंच|

सर्वसुलभ – सबको आसानी से प्राप्त|

सार्वभौम – सभी जगह व्याप्त, विश्वव्यापी, सार्वजनीन|

जनसामान्य – साधारण लोग, आम जनता|

बहुतेरे – अनेक लोग|

अंतर्वस्तु – विषय सामग्री, कंटेंट|

आफ़त – मुसीबत, समस्या|

कतई – किसी तरह, किसी प्रकार|


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Interesting Poem on Social Media in Hindi  - इस कविता के लेखन के क्रम में कुछ ज़रुरी जानकारी देना आवश्यक प्रतीत हो रहा है|

सोशल मीडिया के माध्यम से Cyberbullying एवं Cybergrooming जैसे अपराध (crime) दिनों-दिन बढ़ते जा रहे हैं| इसलिए इन्हें अवश्य जाने –

Cyberbullying – ये एक तरह की प्रताड़ना है जो जान-पहचान के लोगों या किसी अजनबी द्वारा नेटवर्क के माध्यम से अपमानित करने, धमकी देने आदि जैसे काम किये जाते हैं|

 

Cybergrooming यह सोशल मीडिया के माध्यम से किया जाने वाला एक अलग तरह का साइबर अपराध है|

इसके तहत कुछ दुष्ट लोगों (वयस्कों) द्वारा कम उम्र के बच्चों की तस्वीरें, निजी जानकारियां आदि को प्राप्त करके घटिया इरादों को पूरा किया जाता है|

अतः सोशल साइटों (social sites) का संतुलित उपयोग अवश्य करें, परन्तु सावधानी के साथ|

धन्यवाद|

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