Inspirational-Motivational Poem on “Jesus-Christ” in Hindi

Inspirational-Motivational Poem on “Jesus-Christ” in Hindi-

ईसा मसीह के बारे में लिखना तो असंभव है; क्योंकि वे लेखनी से परे हैं| ऐसे महामानव धरा पर बिरले ही पैदा लेते हैं| विश्व को शांति एवं ख़ुशी तथा मुक्ति का रास्ता बताने वाले ख्रीस्त पर प्रस्तुत है मेरी यह कविता|

 

ईसा मसीह


दुनिया को राह दिखाने

एक मसीहा आते हैं|

पाप से मुक्ति की राह

दिखा हमें वो जाते हैं|

 

सत्य-अहिंसा का पाठ पढ़ाया,

किन्तु कुछ को रत्ती-भर न भाया|

उन अधर्मी शैतानों को

सच्चाई तनिक रास न आया|


समझाया फिर मसीह ने उनको पर

बुद्धि तनिक न आयी थी|

घोर घना अंधियारा बादल

उनके मन पर तब छायी थी|


Image by Luciano Ramos Solari from Pixabay


चढ़ाया सूली पर दुष्टों ने

महान अपने ईसा को|

मानवता को राह दिखाकर

जीसस चले अपनी दिशा को|

 

मरते-मरते भी कहा ईसा ने

अपने आराध्य को|

सारे जीव-जगत को और

साध्य व असाध्य को|

 

नहीं जानते बिल्कुल “ये”

क्या कर रहे हैं|

अच्छाई की राह से

ये डर रहे हैं|


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अतः प्रभु इन अज्ञानी

लोगों को माफ़ करना|

इनके कलुषित-दूषित

दिलों को साफ़ करना|

 

था वो ब्लैक फ्राइडे

पर बना वो ग्रेट फ्राइडे|

उनके सभी अनुयायियों के

लिए बना गुड फ्राइडे|

 

उन्होंने खुद को

तब किया अर्पित|

सारी मानवता के

लिए किया समर्पित|

 

Image by Ryszard Porzynski from Pixabay



बलिदान के तीसरे दिन ही

जीवित हो उठे धवल ईसा|

पूरब से पश्चिम तक को

दी उन्होंने नयी दिशा|

 

 

इस दिन को कहते ईस्टर

ईसा के पुनरुत्थान का दिन|

उनका ये गुणगान का दिन और

मानव का उत्थान का दिन|


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जिया उन्होंने वही जीवन

जो कुछ भी तब शिक्षा दी|

धरा को उज्ज्वल रखने की

सदा-सदा ही दीक्षा दी|

धरा को उज्ज्वल रखने की

सदा-सदा ही दीक्षा दी|

                                                === कृष्ण कुमार कैवल्य ===

 

 

Inspirational-Motivational Poem on “Jesus-Christ” in Hindi- इस कविता को लिखने के क्रम में प्रभु यीसू के कुछ अनमोल वचनों को उद्धृत करना चाहूँगा-

1.     जो खुद की प्रशंसा करते हैं उनको विनम्र किया जाएगा और जो खुद को विनम्र करते हैं उनकी प्रशंसा होगी|

2.      एक-दूसरे से वैसे ही प्रेम करो जैसे मैंने तुमसे प्रेम किया है|

3.     उस व्यक्ति को भला क्या फ़ायदा, जिसे अगर पूरी दुनिया मिल जाए लेकिन अपनी आत्मा को खोने की पीड़ा सहनी पड़े|

4.      हे प्रभु! इन्हें माफ़ करना| क्योंकि "ये" नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं|(यीसू ने उक्त वाक्य अत्याचारियों के लिए कहे, जिन्होंने उनको सताया और सूली पर चढ़ा दिया)|

 

 

Inspirational-Motivational Poem on “Jesus-Christ” in Hindi से संबंधित शब्दार्थ/भावार्थ –

तनिक – थोड़ा|

लेखनी – कलम|

परे – दूर|

आराध्य – ईश्वर के लिए प्रयुक्त|

साध्य – सिद्ध करने योग्य, जिसका उपचार किया जा सके (यहाँ समझाया जा सकने योग्य लोगों के लिए यह शब्द प्रयुक्त)|

असाध्य – लाइलाज ( यहाँ न समझाया जा सकने योग्य लोगों के लिए प्रयुक्त शब्द)|

“ये” – यह शब्द दुष्टों के लिए प्रयुक्त|

दूषित – गन्दा|

कलुषित – अशुद्ध, अपवित्र|

अर्पित -  देना, सौंपना|

धरा – भूमि|

धवल – उज्ज्वल, पवित्र, निर्मल, स्वच्छ|

पूरब से पश्चिम तक – पूर्वी देश जापान, कोरिया आदि से लेकर पश्चिम में अमेरिका, कनाडा आदि तक|

उत्थान – उठने, आगे बढ़ने के अर्थ में|

पुनरुत्थान – पुनः जागना या उठना ( यहाँ पुनर्जीवित होने के अर्थ में प्रयुक्त)|

 


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