Inspirational-Motivational Poem on “Jesus-Christ” in Hindi
Inspirational-Motivational Poem on “Jesus-Christ” in Hindi-
ईसा मसीह के बारे में लिखना तो असंभव है; क्योंकि वे लेखनी से परे हैं| ऐसे महामानव धरा पर बिरले ही पैदा लेते हैं| विश्व को शांति एवं ख़ुशी तथा मुक्ति का रास्ता बताने वाले ख्रीस्त पर प्रस्तुत है मेरी यह कविता|
ईसा मसीह
दुनिया को राह दिखाने
एक मसीहा आते हैं|
पाप
से मुक्ति की राह
दिखा
हमें वो जाते हैं|
सत्य-अहिंसा
का पाठ पढ़ाया,
किन्तु कुछ को रत्ती-भर न भाया|
उन अधर्मी शैतानों को
सच्चाई
तनिक रास न आया|
समझाया फिर मसीह ने उनको पर
बुद्धि तनिक न आयी थी|
घोर घना अंधियारा बादल
उनके मन पर तब छायी थी|
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चढ़ाया
सूली पर दुष्टों ने
महान
अपने ईसा को|
मानवता
को राह दिखाकर
जीसस
चले अपनी दिशा को|
मरते-मरते
भी कहा ईसा ने
अपने
आराध्य को|
सारे
जीव-जगत को और
साध्य
व असाध्य को|
नहीं
जानते बिल्कुल “ये”
क्या
कर रहे हैं|
अच्छाई
की राह से
ये
डर रहे हैं|
अतः
प्रभु इन अज्ञानी
लोगों
को माफ़ करना|
इनके
कलुषित-दूषित
दिलों
को साफ़ करना|
था
वो ब्लैक फ्राइडे
पर
बना वो ग्रेट फ्राइडे|
उनके
सभी अनुयायियों के
लिए
बना गुड फ्राइडे|
उन्होंने
खुद को
तब
किया अर्पित|
सारी
मानवता के
लिए
किया समर्पित|
बलिदान
के तीसरे दिन ही
जीवित
हो उठे धवल ईसा|
पूरब
से पश्चिम तक को
दी
उन्होंने नयी दिशा|
इस
दिन को कहते ईस्टर
ईसा
के पुनरुत्थान का दिन|
उनका
ये गुणगान का दिन और
मानव
का उत्थान का दिन|
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जिया उन्होंने वही जीवन
जो
कुछ भी तब शिक्षा दी|
धरा
को उज्ज्वल रखने की
सदा-सदा
ही दीक्षा दी|
धरा
को उज्ज्वल रखने की
सदा-सदा
ही दीक्षा दी|
=== कृष्ण कुमार कैवल्य ===
Inspirational-Motivational Poem on “Jesus-Christ” in Hindi- इस कविता को लिखने के क्रम में प्रभु यीसू के कुछ अनमोल वचनों को उद्धृत करना चाहूँगा-
1.
जो खुद की प्रशंसा करते हैं उनको
विनम्र किया जाएगा और जो खुद को विनम्र करते हैं उनकी प्रशंसा होगी|
2.
एक-दूसरे से वैसे ही प्रेम करो जैसे मैंने तुमसे
प्रेम किया है|
3.
उस व्यक्ति को भला क्या फ़ायदा,
जिसे अगर पूरी दुनिया मिल जाए लेकिन अपनी आत्मा को खोने की पीड़ा सहनी पड़े|
4.
हे प्रभु! इन्हें माफ़
करना| क्योंकि "ये" नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं|(यीसू
ने उक्त वाक्य अत्याचारियों के लिए कहे, जिन्होंने उनको सताया और सूली पर चढ़ा दिया)|
Inspirational-Motivational Poem on “Jesus-Christ” in Hindi से संबंधित शब्दार्थ/भावार्थ –
तनिक – थोड़ा|
लेखनी – कलम|
परे – दूर|
आराध्य –
ईश्वर के लिए प्रयुक्त|
साध्य – सिद्ध करने योग्य, जिसका
उपचार किया जा सके (यहाँ समझाया जा सकने योग्य लोगों के लिए यह शब्द प्रयुक्त)|
असाध्य – लाइलाज ( यहाँ न
समझाया जा सकने योग्य लोगों के लिए प्रयुक्त शब्द)|
“ये” – यह
शब्द दुष्टों के लिए प्रयुक्त|
दूषित – गन्दा|
कलुषित –
अशुद्ध, अपवित्र|
अर्पित - देना, सौंपना|
धरा – भूमि|
धवल –
उज्ज्वल, पवित्र, निर्मल, स्वच्छ|
पूरब से पश्चिम तक –
पूर्वी देश जापान, कोरिया आदि से लेकर पश्चिम में अमेरिका, कनाडा आदि तक|
उत्थान – उठने, आगे बढ़ने के अर्थ
में|
पुनरुत्थान –
पुनः जागना या उठना ( यहाँ पुनर्जीवित होने के अर्थ में प्रयुक्त)|
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