An Inspirational-Poem on “Meaningful-life” in Hindi

An InspirationalPoem on Meaningfullife in Hindi इंसान की अस्त-व्यस्त, भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी को व्यक्त करता है| व्यक्ति मानवीय मूल्यों को भूलता जा रहा है| यही हाल रहा तो वह मानवतावादी से आम इंसान और आम इंसान से बस एक जीवधारी मात्र रह जाएगा|

जरुरत है आदमी स्वयं को पहचाने और सार्थक जीवन  की दिशा में कदम बढ़ाए|


सार्थक जीवन

इतनी जाने की जल्दी है,
क्या ऊपर जाने की जल्दी है?
आज ही पूरा जी कर जीवन,
विदा होने की जल्दी है|

An Inspirational-Poem on "Meaningful life" in Hindi

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जा रहे हों घर या दफ़्तर,
बाज़ार या अन्यत्र|
नहीं ध्यान है एक काम पर,
भटक रहा मन सर्वत्र|


पंक्ति-तोड़ चलाना है वाहन,
मद्यपान कर रखा है|
सुरक्षा-कवच की नहीं ज़रूरत,
नियमों में क्या रखा है?


बात-बात पर भीड़ जाते ये,
बहा खून भी देते हैं,
खुद का जीवन अन्धकारय,
बाहर भी अंधियारा कर देते हैं|


आज जीवन की किसी बात में,
‘जल्दी ही पैमाना है|
हर हालत और हर कीमत पर,
धन, ज्ञान पा जाना है|


पर हर काम का समय है होता,
और होता है सलीका|
मानव-मूल्य’ छोड़ देना जीवन में,
नहीं जीने का तरीका|


मैं सच्चा हूँ सब झूठे हैं,
ये सत्य नहीं हो सकता|
रख गलत प्रवृत्ति अपने मन में,
कुछ भला नहीं हो सकता|


सही काम करना है अच्छा,
कल का आज करना है अच्छा|
संयम और सही राह पर चलकर,
मिल जाएगा सबसे अच्छा|

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मन का एका बहुत ज़रूरी,
स्वयं को ढूंढो मन में|

अपना प्रकाश स्वयं बन कर तुम,
पाओ खुद को कण-कण में|

Inspirational Poem on Meaningful life in Hindi

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भयवश प्रीति भयवश पूजा,
भय में ही मानुष जीता है|
अभय बन कर ही जीने वाला,
सही अर्थ में जीता है|
सही अर्थ में जीता है|

—कृष्ण कुमार कैवल्य---


An InspirationalPoem on Meaningfullife in Hindi से जुड़े शब्दार्थ/भावार्थ –

ऊपर जाना – मर जाना|
अन्यत्र – कहीं दूसरी जगह|
मद्यपान – नशा का सेवन, मदिरापान|
सुरक्षा कवच – वाहन-चालन के लिए आवश्यक सुरक्षा उपकरण|
भीड़ जाना – लड़ने, मरने-मारने को उतारू होना|
अंधकारमय जीवन – बर्बाद-ज़िन्दगी, खराब जीवन|
बाहर अँधियारा करना – दूसरों की ज़िन्दगी मुश्किलों से भरना|
पैमाना – मानक, सूचक| मानव-मूल्य – इंसानियत के गुण|
सलीका –  शिष्टता, तमीज|
प्रवृत्ति – झुकाव, रुझान|
एका – एकाग्रता, एकचित्त|
स्वयं को मन में ढूंढना – अंतर्मन की गहराई में जाकर खुद को जानना, समझना|
अपना प्रकाश स्वयं बनना – अपनी अंतरात्मा/अन्तर्मन से ज्ञान लेना|
खुद को कण-कण में पाना – अपना स्वरुप दूसरों में देखना, समत्व भाव होना|
अभय – भयमुक्त, भय से रहित|

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