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Krishna Kumar Kaivalya

Hello friends. I am Krishna Kumar Kaivalya. मेरे ब्लॉग shabdsansar.com में आपका स्वागत है|

दो शब्द-

  • दोस्तों, मुझे लगता है कि लेखन (specially literary writing) हेतु higher degree की अपेक्षा deep thinking ज्यादा आवश्यक है|
  • Human values, lover by nature, environment-lover जैसे गुण लेखन रूपी शरीर में ornament का काम करते हैं|
  • साथ ही हम different subjects को जितना ज्यादा पढ़ते हैं, हमारा knowledge भी उतना ही बढ़ते चला जाता है|
  • यदि साहित्य की बात करें तो it is a broad-concept.
  • मेरे ख़याल से एक वाक्य में साहित्य को define की जाए तो – जो सभी का हित करे वो साहित्य है|
  • Literature को खूब कसरत कराना चाहिए|इसे जितना exercise कराया जाएगा, उसका प्रतिफल उतना ही मीठा रहेगा|
  • इसके opposite यदि साहित्य को जितना luxurious items दी जाएगी, वो उतना ही lazy बन जाएगा|

कुछ बातें

  • Guys, मैं कई सालों से writing & private teaching works से जुड़ा हूँ|
  • उसी बीच मैंने एक private company में Public Grievance Redressal का काम भी किया
  • माँ एवं पिताजी की वर्षों से चलने वाली अति गंभीर बीमारियों ने मुझे करीब-करीब हर काम से निवृत कर दिया|
  • Education, Civil Services Competition Examination and  Employment etc. जैसे कार्यों मे रुकावट आई|
  • अस्त-व्यस्त-पस्त ज़िंदगी के बावजूद भी मुझे ख़ुशी थी कि मैं अपने “Parents” के साथ रहता हूँ, but 19th January, 2020 तक उन दोनों (माँ-पिताजी) का साथ छुट गया|
  • मेरे life का maximum time Hospitals, Clinics, Path-lab, medicine shops आदि के चक्कर लगाने में गुजरा है| उन वर्षों में मैंने जिन्दगी का अति वीभत्स रुप देखा|
  • किसी शायर की ये पंक्तियां मेरे परिवार पर सटीक बैठती हैं –

लगता है आज बादलों के बीच साजिश हुई हैI

मेरा घर था मिट्टी का और बारिश वहीं हुई हैI

Please also read the related message from Author’s side.

इस ब्लॉग की आवश्यकता क्यों?

  • कुदरत से मिले ऐसे life ने मुझे पूरी तरह humanitarian, thinker तथा प्रकृति-प्रेमी बना दिया| इसी के परिणाम-स्वरुप मेरा लेखन की ओर तीव्र झुकाव शुरू से ही होता चला गया|
  • मुझे लगता है कि यदि मैं खुद को पन्नों पर व्यक्त न करता रहता तो शायद ……..| Obviously लेखन कार्य मेरी ज़िंदगी है|
  • इस तरह life में आते रहे कई ups and downs को झेलते हुए September, 1998 से Poems, Stories, Lyrics आदि विधाएं मेरी ज़िंदगी का नियमित रुप से हिस्सा बन गए|
  • वर्षों से जिन Different Experiences, Thinking etc. को मैंने पन्नों पर उतारा है और उतारता रहता हूँ, उसे Blog के माध्यम से व्यक्त करने की मुझे बहुत इच्छा हुई| So मैंने यह Blog shabdsansar.com शुरू किया|
  • Literature एक कला है| इसमें best की possibilities सदा बनी रहती है| It is also my dream कि मैं ऐसी रचना करूं जो Unique & Extraordinary हो|
  • यदि मैं अपने Blog के माध्यम से आप सभी Readers को  भरपूर knowledge, entertainment and  meaningful message दे पाया तो ये मेरी खुशनसीबी होगी|

मेरे Blog में “Hinglish” का प्रयोग क्यों?

  • Friends, आजकल चारों ओर Online या Offline Hinglish का use खूब हो रहा है| So इसके demand को देखते हुए मैंने भी इसका प्रयोग अपने Blog में किया है| परन्तु main contentआपको निश्चित रूप से हिंदी में ही मिलेंगे|
  • किसी भी Content को Readers भले ही हिंदी में पढ़ते हों, पर वे सामान्यतः search English में ही करते हैं|
  • That’s why मेरे द्वारा भी English use करने से मेरे articles search results में ऊपर आ पाएंगे|
  • मैं स्वयं विशुद्ध रुप से हिंदी-प्रेमी हूँ| किसी हिंदी-प्रेमी को मेरे ऐसे लेखन(Hinglish) से दुःख पहुंचा हो तो मैं  माफ़ी चाहता हूँ| (Please pardon me).

मेरी शिक्षा –

  • M. A. (Public Administration) from IGNOU, New Delhi (2015-17).
  • M.A. (History) from IGNOU, New Delhi (2012-14).
  • B.A.(Hons.)- Political Science from Ranchi University, Ranchi (1995-98).

मेरी अभिरुचि -

  • Reading different types of books.
  • News and Current Affairs Programme.
  • Listening Songs & Watching Movies.
  • Writing Stories, Poems, Lyrics etc.
  • Blogging, YouTube Content Creator (YouTuber). Channels Name - 1. Azad Rachna Sansar, 2. Only Enjoyment Session.

चलते-चलते-

  • दोस्तों, इस Blog के निर्माण में मुझे Technical Support Vivek Kumar ने दिया, जिनका मैं दिल से आभारी हूँ|
  • हाँ एक बात और| मेरा मूल नाम Krishna Kumar Singh है|
  • मेरा दूसरा नाम Krishna Kumar Kaivalya मुझे साहित्य व आध्यात्म की ओर ले जाता है|
  • इसलिए मुझे यह नाम भी मेरे मूल नाम जितना ही पसंद है|
  • इन्हीं शब्दों के साथ आप सबका शुभेच्छु-

Krishna Kumar Kaivalya.

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