Poem on Children’s Day in Hindi/बाल-दिवस पर कविता
Poem on Children’s Day in Hindi/बाल-दिवस पर कविता – भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु के प्रति समर्पित है| पंडित नेहरु बच्चों से बहुत प्रेम करते थे एवं इनको देश का भविष्य मानते थे| इस अनन्य भाव के कारण प्रति वर्ष उनके जन्म दिन 14 नवम्बर को हम भारतवासी बाल-दिवस के रुप में मनाते हैं|
इस दिन बच्चों में बड़ा उल्लास होता है| खासकर स्कूलों में अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं| इनमें नेहरु जी का जीवनी-वाचन तथा कविता-पाठ सबसे प्रमुख हैं| इसलिए प्रस्तुत है बाल दिवस पर ख़ास कविता, जिसे पढ़कर आप सभी बच्चे अवश्य आनंदित होंगे एवं आपको कुछ ज्ञान एवं अनुभूति भी ज़रूर प्राप्त होगी| साथ ही अपने-अपने स्कूलों में भी इसका पाठ करके आप सब शिक्षक दिवस को निश्चित ही रोचक बना सकते हैं|
चाचा नेहरु
14 नवम्बर पंडित नेहरु का, है जन्म दिवस|
यह दिन जाना जाता है, भारत में बाल-दिवस||
चाचा नेहरु के संबंध में, अनेक प्रसंग और बातें हैं|
उनके बारे में चलो आज, कुछ ज्ञान हम पाते हैं||
जवाहर लाल भारत के, सपूत थे महान|
देशवासी करते हैं उनका बहुत गुणगान||
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आज़ादी हेतु छोड़ा उन्होंने, सुख-चैन आराम|
विजय-काल तक रखा जारी, गोरों से संग्राम||
नौ बार की जेल-यात्रा, नौ वर्ष उनमें बिताये थे|
गरीबों की आवाज़ बने वे, समाजवादी कहलाये थे||
बड़ा संघर्षमय उनका जीवन, अहिंसा के सच्चे पुजारी थे|
इसी कारण वे बने, बापू के राजनैतिक उत्तराधिकारी थे||
“हमारे जीवन से प्रकाश बुझ गया, अब चहुँ ओर अँधेरा है|”
कैसा मनहुस दिवस निकला है, हुआ कैसा आज ये सवेरा है?
गाँधीजी की हत्या पर, भावविह्वल ये उनके शब्द थे|
पूरा भारत डूबा था शोक में, सभी भारतीय निःशब्द थे||
राष्ट्र हेतु दिन-रात, किया करते थे काम|
उनके आदर्श वाक्य थे – आराम है हराम||
रुग्न-इकाईयों को दिलायी, एक नयी पहचान|
नए उद्योगों का सृजन किया, दे नए बीज और प्राण||
कल-कारखाने उनके लिए थे – मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा|
अपने अथक प्रयास से “लाल” ने बहाई विकास की धारा||
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चीन देश से किया समझौता, नाम था पंचशील|
गुटनिरपेक्ष के अगुआ बने, दिखाया विनय और शील||
भारत बढ़ रहा था आगे, रच रहा था इतिहास|
62 में तब हुई तबाही, कारण था चीनी-घात||
सी.एस.आई.आर. को दिया बढ़ावा, अंतरिक्ष की ओर भी ध्यान दिया|
इस समाजवादी को दुनिया ने, बहुत इज्जत-सम्मान किया||
भारत के राजनीतिक मंच पर, नेहरु ऐसे कार्यरत थे|
भारत बन गया नेहरु था, नेहरु बन गए भारत थे||
सार्वजनिक उद्यम के, नायक वे माने जाते हैं|
पूँजीवाद में डूबो भारत को, इसे हम कहाँ पाते हैं?
थे वे व्यक्ति उदार छवि के, बहुत सरल स्वाभाव था|
बच्चों से बड़ा प्यार था उनको, भविष्य गढ़ने का चाव था||
कहा था उन्होंने एक दिन, देह मेरा हो जाए जब ख़ाक|
भारत-भूमि में छींट दी जाए, मेरी थोड़ी-थोड़ी राख||
देश की सेवा में लगा दी, उन्होंने अपनी जान|
मातृभूमि के लिए तुम, फिर क्यों हो निष्प्राण||
देश की धड़कन के रूप में, भारतीय उनको पाते हैं|
उनके जन्म-दिवस पर हम, बाल-दिवस मनाते हैं||
उनके जन्म-दिवस पर हम, बाल-दिवस मनाते हैं||
***कृष्ण कुमार कैवल्य***
Poem on Children’s Day in Hindi/बाल-दिवस पर कविता –
इसके माध्यम से मैंने पंडित नेहरु के बारे में कुछ बातें बताने की कोशिश की| बच्चों, मैं नेहरु जी के कुछ महत्वपूर्ण कथन आपके सामने रखना चाहता हूँ, जो किसी न किसी रूप में आप सबके लिए प्रेरणादायी सिद्ध होंगे|
Quotes –
- “देश के पिता अब नहीं रहे| सबसे अच्छी प्रार्थना जो हम उनके लिए अथवा उनकी स्मृति में कर सकते हैं वह यह है कि हम अपने आप को सत्य के लिए तथा उन आदर्शों को समर्पित करें, जिनके लिए वह जीए और मरे|” – (गाँधी जी की हत्या पर)|
- “भारत के दुर्भाग्य का अंत हुआ| मैं आशा व्यक्त करता हूँ कि अब भारत पुनः अपने व्यक्तित्व को प्राप्त कर सकेगा| – ( भारत की आज़ादी पर)|
- नागरिकता देश की सेवा में निहित है|
- संस्कृति मन और आत्मा का विस्तार है|
Poem on Children’s Day in Hindi/बाल-दिवस पर कविता से जुड़े शब्दार्थ/भावार्थ –
अनन्य भाव – एकीकृत भाव, केंद्रीय भाव, एकाग्र भाव, समर्पित भाव|
जीवनी-वाचन – किसी की जीवनी का पाठ करना|
पंडित नेहरु, चाचा नेहरु, लाल, जवाहर लाल – ये सभी शब्द पंडित जवाहर लाल नेहरु के लिए प्रयुक्त किये गए हैं|
प्रसंग – सन्दर्भ, मामला|
गोरों से संग्राम – अंग्रेजों से युद्ध ( अहिंसक रीति से)|
गाँधीजी के राजनैतिक उत्तराधिकारी – गाँधी जी के बाद राजनीति में उनकी जगह लेने वाला|
चहुँ ओर – चारों ओर|
जीवन से प्रकाश का बुझ जाना – ज़िन्दगी से आशा की किरण का समाप्त हो जाना|
मनहुस – ख़राब, बुरा के अर्थ में|
भाव-विह्वल – कोमल भाव से युक्त, द्रवित भाव|
हराम – वर्जित, अनुचित, गलत|
रुग्न इकाई – जर्जर उद्योग, बंदी के कगार पर पहुंचे कल-कारखाने|
62 की तबाही – 1962 में चीन द्वारा भारत पर अचानक आक्रमण|
कार्यरत – कार्य में लगे रहना|
सृजन – रचना करना, बनाना|
शील – शालीनता|
ख़ाक – मिट्टी|
मातृभूमि – भारत के लिए प्रयुक्त|
निष्प्राण – बिना प्राण के, बेजान|
Read Patriotic Poem on Martyrs in Hindi
- नोट – नेहरु जी का जन्म – 14/11/1889 (प्रयागराज अर्थात् इलाहाबाद में)|
मृत्यु – 27/05/1964 ( नयी दिल्ली में)|
पिता का नाम – मोतीलाल नेहरु|
माता का नाम – स्वरुप रानी नेहरु|
पत्नी का नाम – कमला नेहरु|
पुत्री का नाम – इंदिरा गाँधी|Poem on Children’s Day in Hindi/बाल-दिवस पर कविता से संबंधित व्याख्या वाले कुछ शब्द –
- पंचशील (Panchsheel Agreement) – यह ऐतिहासिक समझौता भारत तथा चीन के बीच 29/04/1954 को भारत में प्रधानमंत्री पंडित नेहरु तथा चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई के बीच हुआ था| चूँकि इसमें पाँच प्रमुख बातें थीं| अतः इसे पंचशील समझौता के नाम से जाना जाता है|
दोनों देशों के बीच आपसी तनाव न हो और शान्ति एवं मित्रता बनी रहे, इस हेतु इस सिद्धांत को लाया गया| ताकि आपसी सहयोग, सद्भाव तथा संवाद के माध्यम से समस्या को सुलझाया जा सके| पंचशील समझौता व्यवहार को निर्धारित करने वाले नियम हैं|
ये बात अलग है कि चीन यह समझौता करके भी अपना व्यवहार सदा अनियंत्रित ही रखता आया है| अतः भारत को भी मजबूर होकर उसी की भाषा में जवाब देना पड़ रहा है|
बहरहाल पंचशील के ये पाँच सिद्धांत कुछ इस प्रकार हैं –
- एक-दूसरे की अखंडता और संप्रभुता का सम्मान,
- एक-दूसरे पर आक्रमण न करना,
- एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना,
- पारस्परिक सहयोग एवं लाभ को बढ़ावा देना और
- शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व|
अवश्य पढ़ें – Poem on Mahatma Gandhi in Hindi.
- गुटनिरपेक्ष – गुटनिरपेक्ष या गुटनिरपेक्ष आन्दोलन (Non Alignment Movement) दो ध्रुवीय विश्व जिसमें एक ओर सोवियत रूस (अब रूस) तथा दूसरी ओर अमेरिका है, इससे अलग एक वैश्विक समूह है| इन दो महाशक्तियों से इतर इस समूह के देश अपना स्वतंत्र अस्तित्व कायम रखते हुए अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार कदम उठाने में सक्षम हैं|
ये निर्गुट देश इन दो गुटों का न ही सहयोगी हैं और न ही विरोधी| बल्कि तार्किक आधार पर विश्व कल्याण हेतु ये समूह कोई निर्णय लेते हैं| हाँ यहाँ यह अवश्य जान लें कि गुटनिरपेक्षता का अर्थ न तटस्थता है, न पृथकता और न ही उदासीनता| यह विश्व पटल पर सदा सक्रिय तथा सकारात्मक भूमिका निभाता आया है|
गुटनिरपेक्षता (निर्गुट) के अगुआ रहे हैं – भारत के पंडित नेहरु, मिस्र के कर्नल नासिर तथा यूगोस्लाविया के मार्शल टीटो| इन्होंने 1956 में इसकी नींव ब्रियोनी (आज का क्रोएशिया) में रखी|
इस संगठन का प्रथम सम्मलेन बेल्ग्रेड में 1961 में हुआ था| जिसके बाद निरंतर सम्मलेन आयोजित होते रहे हैं| विश्व के अनेक देश इसमें शामिल हैं| शीत-युद्ध की समाप्ति के बाद भी यह समूह विश्व में विभिन्न मसलों पर अपनी सकारात्मक भूमिका निभाता चला आ रहा है|
- सी.एस.आई.आर. – इसका पूरा नाम है – वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (Council of Scientific and Industrial Research), जिसका मुख्यालय नयी दिल्ली है| इसकी स्थापना 1942 में की गयी| इसके अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री होते हैं|
इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य है – विज्ञान व प्रावैधिकी तथा प्रबंधन के क्षेत्र में प्रिंट और बिना प्रिंट प्रारूपों में उपलब्ध ज्ञान तथा सूचना का संग्रहण, रखरखाव एवं प्रसार करना|
यह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्यरत संगठन है| इसकी मौजूदगी सम्पूर्ण भारत में है| साथ ही यह भारत का सबसे बड़ा अनुसंधान एवं विकास संगठन है|
- सार्वजनिक उद्यम (Public Sector Units) – सार्वजनिक उद्यम या उपक्रम सरकारी उपक्रमों को कहा जाता है| इनके स्वामी भारत सरकार अथवा कोई राज्य सरकार या दोनों हो सकते हैं| सार्वजनिक उद्यम कहलाने के लिए यह ज़रूरी है कि इनके आधे से कुछ अधिक शेयर सरकार के पास हों| ऐसे उद्यम समाजवादी देशों/ विकासशील देशों के लिए रीढ़ के समान होते हैं| इनका प्रशासन भारत सरकार के भारी उद्योग तथा लोक उद्यम मंत्रालय द्वारा संचालित होता है|
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