Poem on Kendriya Vidyalaya in Hindi

Poem on Kendriya Vidyalaya in Hindi- शिक्षा दुनिया का सबसे अनमोल उपहार है|

 इसे सर्वोत्तम सेवा के रूप में प्रतिष्ठापित किया गया है| इस उपहार को केंद्रीय विद्यालय के माध्यम से भारत के कोने-कोने में पहुँचाने के लिए भारत सरकार प्रारंभ से ही प्रतिबद्ध है|

प्रस्तुत है “केंद्रीय विद्यालय” पर कविता; जो खासकर बच्चों के लिए समर्पित है|

 

केंद्रीय विद्यालय

 




हमारा विद्यालय केंद्रीय विद्यालय,

है ये देश की आन|

कभी न धूमिल होने पाए,

इस स्कूल की शान||

 

के.वी.एस. द्वारा संचालित,

सी.बी.एस.ई. पैटर्न|

छात्रों के लिए ये इसरो,

नासा और है सर्न||

 

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गुजरात या अरुणाचल प्रदेश हो,

तमिल या  लेह-लद्दाख|

ज्ञान-प्रकाश को बढ़ा रहा,

 गहरी इसकी है साख||

 

बच्चों के लिए समर्पित,

बच्चों से संबद्ध|

शिक्षा का ये मंदिर-मस्जिद,

शिक्षा हेतु प्रतिबद्ध||

 

अमीर-गरीब सभी हैं पढ़ते,

 यह स्कूल है खास|

दुनिया में एक नंबर पे,

आ जाए ये काश!


 

काठमांडू, मॉस्को, तेहरान में,

के.वी. की शिक्षा है जारी

पूरे विश्व में खुले ये इच्छा,

हर स्कूल पे पड़े ये भारी|

हर स्कूल पे पड़े या भारी||

                                ***कृष्ण कुमार कैवल्य***

 

Poem on Kendriya Vidyalaya in Hindi” से जुड़े शब्दार्थ/भावार्थ-

Ø प्रतिष्ठापित – जिसके लिए स्थापित किया गया हो, पदारूढ़, संस्थापित (Installed)|

Ø प्रतिबद्ध – बंधा हुआ, समर्पित|

Ø ‘शिक्षा का ये मंदिर-मस्जिद’ - ये शब्द विद्यालय के लिए प्रयुक्त किये गए हैं|

 

Poem on Kendriya Vidyalaya in Hindi” में आयी कुछ ख़ास शब्दावलियों (Terminologies) के अर्थ-




  • के.वी.एस. (KVS) -  के.वी.एस. का पूरा नाम केंद्रीय विद्यालय संगठन (Kendriya Vidyalaya Sangathan) है| भारतवर्ष के सभी केंद्रीय विद्यालयों के समूह को केंद्रीय विद्यालय संगठन के नाम से जाना जाता है|

भारत में पहला केंद्रीय विद्यालय 1963 में खोला गया था| ये भारत सरकार के अधीन सी.बी.एस.ई. बोर्ड से संबद्ध विद्यालय हैं| पूरे भारत में कार्यरत इन विद्यालयों में बालवाटिका -1 यानी नर्सरी (Nursery) से लेकर बारहवीं तक की पढ़ाई होती है| 

हालांकि बालवाटिका -1, बालवाटिका - 2 एवं बालवाटिका – 3 (अर्थात् Nursery, LKG एवं UKG) की शुरूआत वर्ष 2022 से ही हुई; जिसे कुल 50 केंद्रीय विद्यालयों में प्रारंभ किया गया है| इसे धीरे-धीरे विस्तारित कर आने वाले कुछ ही वर्षों में सभी केंद्रीय विद्यालयों में लागू कर दिया जाएगा|

इन विद्यालयों में आम तौर पर केंद्रीय, राज्य सरकार एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के अधिकारियों व कर्मचारियों के बच्चे पढ़ते हैं| परन्तु सीट रिक्त रहने की स्थिति में विविध वर्ग के लोगों के बच्चों का भी नामांकन इनमें होता है|

सम्पूर्ण भारत के केंद्रीय विद्यालयों में एक समान पाठ्यक्रम होता है| ऐसा शिक्षा में एकरूपता लाने के उद्देश्य से किया गया है| साथ ही इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों के भारत में कहीं भी स्थानांतरण व पदस्थापन की स्थिति में उनके बच्चों की पढ़ाई में तनिक भी बाधा एवं अंतर न हो, इसलिए भी समरूप सिलेबस रखा गया है|

 

  • Øसी.बी.एस.ई. (CBSE) - सी.बी.एस.ई. का पूरा नाम केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education) है| इसकी स्थापना 1952 में की गयी थी; जिसका मुख्यालय नयी दिल्ली है|

यह भारत में स्कूल-शिक्षा का बहुत ख़ास बोर्ड है| इस बोर्ड से निजी क्षेत्र के हजारों विद्यालय संबंद्ध हैं| इसका प्रमुख उद्देश्य है – शिक्षण-संस्थानों को काफी प्रभावशाली तरीके से फ़ायदा पहुंचाना और उन सभी विद्यार्थियों की शिक्षा-संबंधी सभी ज़रूरतों के प्रति ज़िम्मेदारी होना जिनके अभिभावक भारत सरकार के अधिकारी/कर्मचारी हैं और लगातार स्थानांतरण व पदस्थापन की प्रकिया से गुज़रते रहते हैं|

सी.बी.एस.ई. का ध्येय वाक्य अति सुन्दर है –“असतो मा सद्गमय|” अर्थात् हे प्रभु! हमें असत्य से सत्य की ओर ले चलो| इसके ‘लोगो’ पर “खुली किताब एवं प्रकाशमान दीपक” सुशोभित होते हैं|

 

Ø इसरो (ISRO) इसरो’ का पूरा नाम भारतीय अंतरीक्ष अनुसंधान संस्थान (Indian Space  Research Organisation) है| इसकी स्थापना 15 अगस्त 1969 को हुई थी|

यह संस्था ‘अंतरिक्ष अनुसंधान एवं विकास’ में सर्वप्रमुख भूमिका निभाता है| साथ ही ‘अंतरिक्ष से संबंधित तकनीक’ उपलब्ध करवाता है| इसका मुख्यालय बंगलौर (बंगलुरू) में है| इस संस्थान में करीब सत्रह हज़ार से अधिक वैज्ञानिक, अधिकारी, कर्मचारी कार्यरत हैं| 

इसका आदर्श वाक्य है – ‘मानव जाति की सेवा में अंतरीक्ष-प्रौद्योगिकी’| ‘इसरो’ भारत की आन-बान और शान है|

 

Ø सर्न (CERN) ‘यूरोपीय नाभिकीय अनुसंधान संगठन’ को सर्न के नाम से जाना जाता है| इसकी स्थापना 1954 में की गई| इसे The Central European Research Networkके नाम से भी जाना जाता है| यह दुनिया की सबसे बड़ी नाभिकीय कण की प्रयोगशाला है| इसमें 20 यूरोपीय सदस्य देश हैं|

 सर्न में 80 देशों के करीब 8000 वैज्ञानिक तथा इंजीनियर कार्यरत हैं| इसका मुख्यालय जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में है| भारत 2002 से इसका एक पर्यवेक्षक देश है| जबकि इसे 2017 में ‘सहायक सदस्य’ बनाया गया|


NASA- नासा का फुल फॉर्म है- National Aeronautics and  Space Administration ( राष्ट्रीय वैमानिकी और अंतरिक्ष प्रबंधन)| यह  संसार की सबसे बड़ी अंतरिक्ष एजेंसी है| वाशिंग्टन डी सी (संयुक्त राज्य अमेरिका) में इसका मुख्यालय है; जिसमें 18००० से अधिक अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं|

इसका मुख्य लक्ष्य अंतरिक्ष खोज, आकाशीय पिंडों के बारे में आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराना, अंतरिक्ष कार्यक्रमों को मिशन के रूप में सम्पादित करना आदि है| नासा का टैग लाइन हैFOR THE BENEFIT OF ALL( सबकी भलाई के लिए)|

 

 

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