Broken-Heart Sad-Song in Hindi -“अपना मत कहो”
Broken-Heart Sad-Song in Hindi “अपना मत कहो” हृदय की वेदना प्रकट करता एक गीत है| ज़िन्दगी में कई बार कुछ लोगों को अपनों से ही अत्यधिक दुःख मिल जाता है| इस कारण उनको जीने की इच्छा ही समाप्त हो जाती है| ऐसी स्थिति अति दुर्भाग्यपूर्ण होती है| दर्द की विभिन्न कड़ियों को शब्दों में प्रस्तुत करता है यह गीत – “अपना मत कहो|”
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“अपना मत कहो”
{अपना मत कहो मुझसे ख़ुद को तुम}-2
ज़िन्दगी में बेगानों ने लाया सहर है|
{ग़ैर बनकर रहोगे भला ख़ूब होगा,}-2
अपनों ने मुझे बस पिलाया ज़हर है|
अपना मत कहो मुझसे ख़ुद को तुम
ज़िन्दगी में बेगानों ने लाया सहर है|
{लफ़्ज़ अपना है देता बड़ा दर्द मुझको,}-2
मानो आबरू को है बेचा कहीं पर|
{इंतिहा कर दिए हैं मेरे प्यारे दुश्मन,}-2
जिनकी ही सज़ा ने मिटाया ज़मीं पर|
अपना मत कहो मुझसे ख़ुद को तुम
ज़िन्दगी में बेगानों ने लाया सहर है|
{वो सज़ा थी अनोखी, निकाला था जल से,}-2
मैं मीन जल बिन, जला उनके छल से|
{आया अब समझ में जहाँ की ये माया,}-2
सबक मिल गया है अपने बीते कल से|
अपना मत कहो मुझसे ख़ुद को तुम
जिन्दगी में बेगानों ने लाया सहर है|
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{वफ़ा जो न होता, दग़ा भी न होता,}-2
कह सकता था कोई, मैं हूँ तेरा सपना|
{ये सब ले लो मेरा, बन जाओ तू दुश्मन,}-2
मगर ये न कहना मैं हूँ तेरा अपना|
अपना मत कहो मुझसे ख़ुद को तुम
ज़िन्दगी में बेगानों ने लाया सहर है|
{अँधेरे से डर लगता है उन्हीं को,}-2
जिनकी ज़िन्दगी में कालिमा नहीं है|
{ख़ुशबू ज़िन्दगी में आती है तभी तक,}-2
जब तक ज़िन्दगी में ज़ालिमा नहीं है|
अपना मत कहो मुझसे ख़ुद को तुम
जिन्दगी में बेगानों ने लाया सहर है|
{जफ़ा का मैं आदि, जफ़ा ही सनम है,}-2
फ़ित्रत बन गयी है यहाँ लुट जाना|
{साथ होकर भी ऐसे हो जाता जुदा हूँ,}-2
लहर का साहिल से जैसे छूट जाना|
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अपना मत कहो मुझसे ख़ुद को तुम
ज़िन्दगी में बेगानों ने लाया सहर है|
ग़ैर बनकर रहोगे भला ख़ूब होगा,
अपनों ने मुझे बस पिलाया ज़हर है|
अपना मत कहो मुझसे ख़ुद को तुम
ज़िन्दगी में बेगानों ने लाया सहर है|
===कृष्ण कुमार कैवल्य===
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Broken-Heart Sad-Song in Hindi “अपना मत कहो” से संबंधित शब्दार्थ/भावार्थ –
वेदना – दर्द, दुःख, तकलीफ़|
बेगाना – पराया|
सहर – सुबह, प्रातः काल|
ग़ैर – दूसरा, अन्य|
लफ़्ज़ – शब्द|
आबरू – इज्ज़त, मान-सम्मान|
इंतिहा – हद, अति, चरम सीमा, पराकाष्ठा|
ज़मीं – धरती, भूमि|
मीन – मछली|
वफ़ा – वफ़ादारी, प्रतिज्ञा पालन, हर हाल में साथ देने वाला|
दग़ा – धोख़ा, छल, कपट|
कालिमा – काला रंग (यहाँ घनघोर दुःख-दर्द के अर्थ में प्रयुक्त)|
ख़ुशबू – सुगंध (यहाँ ख़ुशी, आनंद के लिए प्रयुक्त)|
जफ़ा – सितम, अत्याचार, अन्याय, अनीति, जुल्म|
फ़ित्रत – आदत, स्वभाव, प्रकृति|
साहिल – किनारा, तट|
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