Short-Poem for children in Hindi - मेरी माँ

Short-Poem for children in Hindi - "मेरी माँ"  बाल मन के भावों को रेखांकित करती कविता है|

 इस  लघु कविता में बच्चे के माध्यम से यह बताया गया है कि बच्चे का प्रथम गुरु उसकी माता होती हैं| वैसे भी माता की महिमा अनंत है| शिशु के लिए उसकी माता ही पूरी दुनिया होती है|


    लघु कविता - मेरी माँ


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माँ के ज्ञान की बारिश में,

 मैं रोज़ खूब भीगता हूँ|

माँ के ज्ञान की बारिश में,

 मैं रोज़ खूब भीगता हूँ|

थोड़ा ही सही पर उनसे मैं,

 रोज़ कुछ सीखता हूँ|

रोज़ कुछ सीखता हूँ।|

 

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करता नहीं कोई शोरगुल,

 न हीं मैं चीखता हूँ|

करता नहीं कोई शोरगुल,

 न हीं मैं चीखता हूँ|

थोड़ा ही सही पर उनसे मैं,

रोज़ कुछ सीखता हूँ|

रोज़ कुछ सीखता हूँ।|

       -  कृष्ण कुमार कैवल्य|

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