Emotional Farewell-Poem in Hindi – “मैडम”
Emotional Farewell-Poem in Hindi – “मैडम”
विद्यार्थी का अपनी शिक्षिका के प्रति अपार स्नेह व कृतज्ञता प्रदर्शित करती कविता
है|
यूं तो हर शिक्षक
छात्रों के लिए अच्छे होते हैं| फिर भी कुछ शिक्षक ऐसे होते हैं जो अधिसंख्य विद्यार्थियों के दिलोदिमाग
पर अमिट छाप छोड़ जाते हैं| ऐसे शिक्षकों को वे आजीवन याद रखते हैं|
ऐसे ही मनोभावों को
शब्दों में पिरोकर इस कविता को मैंने लिखा है|
“मैडम”
हम बच्चों के दिलों में आप,
हैं सबके लिए नज़ीर|
हम बच्चों के दिलों में आप,
हैं सबके लिए नज़ीर|
शिक्षिका के रूप में लिख रहीं
बच्चों की तकदीर|
रखतीं नहीं कोई लाग-लपेट,
देती हैं खरा ज़वाब|
आपके शिक्षण का तरीका
होता है जरा नायब|
काम अधिक और बातें कम,
है अनुशासन-प्रिय स्वभाव|
स्मरण रहेगा हम सबको,
बच्चों से आपका लगाव|
आप विदा हो रहीं स्कूल से,
नहीं हो रहीं हैं अलविदा|
होगी मुलाकात ज़रूर फिर आपसे
शायद वो वक्त हो अलहदा|
शिक्षा में योगदान के लिए,
किया जाएगा आपको याद|
कमी आपकी खलेगी हमको,
मैम आपके जाने के बाद|
जीवन के किसी भी मोड़ पर,
होगी आपसे जब मुलाकात|
जीवन के किसी भी मोड़ पर,
होगी आपसे जब मुलाकात|
रहेंगी आप हमें वंदनीय,
रहेगा कायम यही जज़्बात|
रहेंगी आप हमें वंदनीय,
रहेगा कायम यही जज़्बात|
-कृष्ण कुमार कैवल्य|
Emotional Farewell-Poem in Hindi – “मैडम” से जुड़े शब्दार्थ/भावार्थ-
नज़ीर – उदाहरण, मिसाल|
तकदीर – भाग्य, (यहाँ भविष्य बनाने के अर्थ में)|
लाग-लपेट न रखना – घुमा
फिरा कर बातें नहीं करना, सीधा व स्पष्ट बात करना|
नायाब – अनूठा, अद्वितीय, विशेष|
अलविदा – हमेशा के लिए
चले जाना (Good-bye)|
अलहदा – अलग, भिन्न, जुदा|
मैम (Ma’am) – मैडम का संक्षिप्त रूप (महाशया, महोदया)|
जज़्बात – भावनाएं, विचार, ख़याल|
यह एक भावना प्रधान
कविता है| शिक्षा के
क्षेत्र में वो दिन स्वर्ण-काल होगा; जब सारे शिक्षक सच में “गुरु” की भूमिका में
आ जाएंगे| परन्तु साथ
ही विद्यार्थियों को भी “सच्चा शिष्य” बनना होगा| क्योंकि
सिक्के के एक नहीं बल्कि दो पहलू होते हैं| धन्यवाद|
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