Patriotic Poem on “India” in Hindi/"भारत" देश पर कविता
Patriotic Poem on “India” in Hindi – भारत की महत्ता को प्रदर्शित करता है| भारत देश की ख़ूबसूरती इसमें है कि यहाँ अनेक धर्म, जाति, वेशभूषा एवं भाषा-भाषी विद्यमान हैं| इस विविधता के बीच आपसी भाईचारा कायम है| यही अनेकता में एकता है, जो सबको एक-दूसरे से जोड़ता है|
यह सब इस मातृभूमि का असर है| भारत को सदियों से तोड़ने, रौदने का प्रयास किया गया| किन्तु वे सभी आतताई स्वयं टूट व मिट गए| कई विदेशी आक्रान्ता इस ‘सोने की चिड़िया’ को लुटने के मकसद से आए, पर इसकी सुन्दरता, आत्मीयता से आत्मविभोर होकर यहीं रच-बस गए| इसी मिट्टी के होकर रह गए|
आज भारत की रक्षा के लिए सवा करोड़ से अधिक सपूत हैं| भारत विश्व का सबसे महानतम देश है| अब हमें इसको सबसे समृद्ध देश बनाना है|….जय हिन्द|
भारत
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इंडिया के हम हैं वासी,
इससे प्रेम हम करते हैं|
जान न्यौछावर इस पे हमारा,
दुश्मन हमसे डरते हैं|
‘मत’ चाहे जो भी हो हमारा,
हिन्द पे एक ‘मत’ रखते हैं|
तोड़ना चाहता बैरी हमको,
चालें उसकी समझते हैं|
भिन्न-भिन्न हैं धर्म हमारे,
अलग-अलग हैं भाषाएँ|
रहें चाहे किसी कोने में,
हम पर भारत की आशाएं|
Must Read a Poem on "Gandhi Jayanti" in Hindi
इस मिट्टी में पले बढ़ें,
हर सांस में भारत बसता है|
सब कुछ मिला इस जम्बूद्वीप से,
कर्त्तव्य हमारा कुछ बनता है|
जननी और जन्मभूमि का,
कर्ज चुकाए न चुकता है|
झुका न कहीं है सर ये हमारा,
ध्वज के आगे ही झुकता है|
विश्व के कोने-कोने से आए,
कई आक्रान्ता यहाँ पे आए|
इस मिटटी से प्यार कर बैठे,
यहीं पे सब कुछ अपना लुटाए|
भूल गए अपनी भूमि वे,
रच-बस गए यहीं पर तब वे|
विकसित हुई मिश्रित संस्कृति,
हिन्दुस्तान आई नयी कार्य-संस्कृति|
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बनी भारत की नयी पहचान|
आर्यावर्त को दुनिया गयी जान|
बनाए रखना है सदा हमें,
इसकी आन, बान और शान|
इसकी आन, बान और शान|
***कृष्ण कुमार कैवल्य***
Patriotic Poem on “India” in Hindi से जुड़े शब्दार्थ/भावार्थ –
महत्ता – महत्त्व|
आततायी – अत्याचारी, दुष्ट|
आक्रान्ता – आक्रमणकारी, आक्रमण करने वाला (invader)|
सोने की चिड़िया – अपनी अमीरी के कारण भारत-भूमि को सोने की चिड़िया कहा जाता था|
मत – पंथ, सम्प्रदाय|
मत – विचार, राय, अभिप्राय, नज़रिया|
(ऊपर में मत दो बार लिखे गए हैं, जिसके अर्थ दोनों जगह अलग-अलग हैं)|
मकसद – उद्देश्य|
बैरी – दुश्मन, शत्रु|
जम्बूद्वीप, आर्यावर्त, हिन्द, हिन्दुस्तान – चारों नाम भारत के ही हैं|
ध्वज – झंडा, परचम|
मिश्रित – मिली-जुली, मिला हुआ|
आन, बान और शान – इज्जत, मान-सम्मान, धमक और गौरव|
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