Catalytic Lyric Song in Hindi – “छोटी-छोटी भूल”
गीत – “छोटी-छोटी भूल” (Catalytic Lyric Song in Hindi) ज़िन्दगी के कड़वे सच से जुड़ी रचना है| कहा गया है कि ‘गलती करना मनुष्य का स्वभाव है’ (‘To err is human’)| ये बात ज़रूर सच है| किन्तु जब ये आदत में शामिल में हो जाए, तब जीवन में काँटे बिछ जाते हैं| अतः ऐसा जीएं कि जीवन में गलती होने की संभावना कम से कम हो| भूल से बड़ी होती है ‘जान बुझ कर किया गया गलत कार्य’, जिसे अपराध कहते हैं| एक बार भी किया गया अपराध आदमी का पीछा ज़िन्दगी भर नहीं छोड़ता| ये जीवन को नरक बना देता है| ज़रूरत है ज़िन्दगी से सीख लेते रहें और हमेशा सही रास्ते पर चलते रहें|
“छोटी-छोटी भूल”
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{ न कर तू अपने जीवन में,
छोटी-छोटी सी भी भूल|} -2
{ ये भूल भी बन जाते हैं,
जीवन के दुःखदायी शूल|} -2
न कर तू अपने जीवन में,
छोटी-छोटी सी भी भूल|
{ दिल में आग लगाने हेतु,
तीखे वचन ही काफ़ी हैं|} -2
बुरे कर्म करने वालों को,
मिलती कभी नहीं माफ़ी है|
{ न कर तू अपने जीवन में,
छोटी-छोटी सी भी भूल|} -2
ये भूल भी बन जाते हैं,
जीवन के दुःखदायी शूल|
{ काम-आग जब लग जाती है,
बन जाते हैं अंधे लोग|} -2
जीवन भर के लिए ये कामी,
कहलाते हैं गंदे लोग|
{ न कर तू अपने जीवन में,
छोटी-छोटी सी भी भूल|} -2
ये भूल भी बन जाते हैं,
जीवन के दुःखदायी शूल|
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{ क्षणभर की ये पाप की गठरी,
इतनी बड़ी हो जाती है|} -2
तन जाती हैं इनकी गाँठें,
कभी न ये खुल पाती हैं|
{ न कर तू अपने जीवन में,
छोटी-छोटी सी भी भूल|} -2
ये भूल भी बन जाते हैं,
जीवन के दुःखदायी शूल|
{ जीवन भर इसे ढोता आदमी,
भार न कम कभी होता है|} -2
पाप का ऐसा बोझ उठाए,
अंत काल तक रोता है|
{ न कर तू अपने जीवन में,
छोटी-छोटी सी भी भूल|} -2
ये भूल भी बन जाते हैं,
जीवन के दुःखदायी शूल|
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{ गुरु-रुप ये सारा जग है,
इनसे भी तुम ले लो सीख|} -2
वरना नहीं सुनेगा कोई,
निकलेगी मुख से जो चीख?
{ न कर तू अपने जीवन में,
छोटी-छोटी सी भी भूल|} -2
{ ये भूल भी बन जाते हैं,
जीवन के दुःखदायी शूल|} -2
न कर तू अपने जीवन में,
छोटी-छोटी सी भी भूल|
—कृष्ण कुमार कैवल्य---
Catalytic Lyric Song in Hindi – “छोटी-छोटी भूल” से जुड़े शब्दार्थ –
जग – संसार, दुनिया
काम-आग – वासना की आग, हवस
कामी – वासना में डूबा रहने वाला
शूल – काँटा
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